क्षत्रिय

 क्षत्रिय जिन्होने लम्बे समय तक देश को सुरक्षा प्रदान की और आज भी देश को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। क्षत्रिय की आयु कुछ भी हो लेकिन जब भी देश संकट में आया सबसे पहले क्षत्रिय ने ही देश को सम्भाला है। भारत का इतिहास क्षत्रिय की वीरता से भरा हुआ है। क्षत्रियों ने देश कि सुरक्षा को अपना धर्म समझा है। क्षत्रिय ने बाहरी आक्रमणकारी से हमेशा देश कि रक्षा कि हैं और आक्रमणकारियों को समझा दिया कि भारत को अधीन करना आसान नहीं है।

भारत पर आक्रमण करने वाले दुश्मनो ने भी क्षत्रिय के शोर्य साहस और पराक्रम कि प्रशंशा की है उन्होन क्षत्रिय की वीरता का लोहा माना है। क्षत्रिय हमेशा दुश्मनो और भारत के मध्य दिवार के समान खड़े रहे है।

चाहे मुग़ल हो चाहे अन्य कोई विदेशी आक्रांता क्षत्रिय के साहस से बच नहीं सका और न् कोई क्षत्रिय को हराने मे सक्षम था। अर्थात् क्षत्रिय से सीधा मुकाबला करने का सामर्थ्य किसी में न् था ।

क्षत्रिय वीरता साहस पराक्रम के पर्याय है। क्षत्रिय ने हमेशा निस्वार्थ भावना से राष्ट्र की सेवा की और राष्ट्र को एवम् राष्ट्रवासियों को सुरक्षा प्रदान की है।

क्षत्रिय का देश में एक विशेष स्थान है । और देश कि सुरक्षा यकिनन क्षत्रिय से हि है। देश की सुरक्षा में क्षत्रिय को नही भूला जा सकता है।

जब पूछा जाता है क्षत्रिय मतलब क्या तो सभी के मन मे एक ही जवाब आता है क्षत्रिय अर्थात् वीरता साहस शोर्य पराक्रम क्षत्रिय् अर्थात राजपूत ।

क्षत्रिय जो एक बार कह दे वो कर के दिखाए । क्षत्रिय जो कभी न् हारे क्षत्रिय जिसकी वीरता का गुणगान दुशमन भी करते हैं।

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट