रामायण : आज की आवश्यकता

 रामायण हमें जिंदगी को जीना सिखाती है। हमें सिखाती हैं कि भाई भाई का रिश्ता कैसा होना चाहिए, पिता पुत्र का रिश्ता कैसा होना चाहिए। हमे सिखाती हैं कि जब परिस्थिति हमारे अनुकूल न हो तो हमे धैर्य से काम लेना चाहिए।

जब भगवान श्री राघवेन्द्र सरकार को पता चलता है कि मां भरत को राजा बनाना चाहती हैं तो प्रभु अपने भाई के लिए उस राज्य को त्याग देते हैं, और जब भरत जी को पता चलता है तो अपने बड़े भाई के लिए राज्य त्याग देते हैं। तो इस तरह का मधुर संबन्ध होना चाहिए भाई भाई के मध्य, जहां एक भाई अपने दूसरे भाई की खुशी के लिए सब कुछ त्याग कर दे।
रामायण हमें और भी बहुत कुछ सिखाती हैं जैसे जब श्री राम जी वनवास को जाते हैं तो उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है लेकिन प्रभु मानव की तरह ही हर मुश्किल का सामना करते , अपनी शक्तियों का उपयोग नहीं करते, और इस प्रकार प्रभु हमें बताते हैं कि मानव स्वयं हर मुश्किल को हल कर सकता है, बस उसके पास हर मुश्किल को हल करने का जज्बा होना चाहिए।
पति पत्नी का रिश्ता कैसा होना चाहिए
जब श्री राम को वनवास दिया जाता है तो सब मां जानकी से कहते हैं वनवास श्री राम को मिला है आपको नही तो आप यहीं रहिए, लेकिन मां जानकी कहती हैं कि मेरे पति का सुख ही मेरा सुख है, मेरे पति जिस परिस्थिति में रहेगें मैं भी उन्हीं के साथ ही रहूंगी।

तो इस तरह प्रत्येक रिश्ता कैसा होना चाहिए ये हमें रामायण सिखाती है, हमें बड़ो के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए छोटो के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए सब कुछ।

रामायण हमें बताती हैं कि जीवन की विकट परिस्थितियों में हमें सयम रखना चाहिए, और खुशी या सुख के समय में अधीक उत्सुक नहीं होना चाहिए। एस तरह रामायण हमें जीवन परिभाषा बताती है कि जीवन कैसा होना चाहिए अथवा जिंदगी को कैसे जीना चाहिए।

अतः हमें जीवन में सफलता को प्राप्त करना है तो रामायण को अवश्य पढ़ना चाहिए।

टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट